Thursday, 5 May 2016

सलेब्रटिन्ग अर्थ डे

कल अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस निकल गया | सभी ने अभूत अच्छे से इसे मनाया| कहीं वाट्सऐप पर तो कहीं फेसबुक ट्विटर और इन्स्टाग्राम पर| कुछ लोगों ने फोटो खींचकर मनाया तो कुछ ने स्टेटस अपडेट कर | सलेब्रटिन्ग अर्थ डे कल बड़ा ही ट्रेंडिंग रहा | हर किसी के लम्बे चौड़े भाषण कहीं कोई राय तो कहीं कोई मशविरा | सभी अपनी अपनी राग अलाप रहे थे | पानी बचाओ पेड़ लगाओ प्रदुषण कम करो आर्गेनिक वस्तुओं का प्रयोग करो | यकीं मानिये कल के सोशल मीडिया के रूप को देख कर लगा की हम सभी कितने समझदार हो गये है | सभी को मालूम है की कौन कौन सी चीजें हमे हमारी धरती को और हमारी आने वाली पीढ़ी को नुकसान और फायदा कर सकती है | कल मालूम हुआ की अब दुनिया बदलने वाली है | सहसा एक झटके ने याद दिलाया की ये सब बयानबाजियाँ हमारे यहाँ तो सिर्फ सोशल मीडिया पर ही होती हैं | यही एक ऐसा मंच है जिसपर हम होली दिवाली ईद बकरीद क्रिसमस दिस डे दैट डे सब मना लेते हैं |
लेकिन क्या इस बतकही से हमारे गोले का भला होगा ? नहीं न ? रॉंग नंबर मत लगाइए| इस गोले को अब हमारी ज़रूरत है | आज का एक वाकया आपके सामने रखती हूँ| क्लास में पढाते समय मैंने बच्चों से कहा की भाई कल पृथ्वी दिवस पर अपने कुछ किया ; कोई ऐसा काम जो धरती के लिए सकारात्मक दिशा में जाता हो ? तो बच्चे बोले हाँ हमने कल एसी नहीं चलाया | जवाब अजीब सा लगा पर मुझे यह ख्याल आया की हम अगर अपनी ओर से एक एक नन्हा सा कदम भी उठाते चलेंगे तो हज़ार करोड़ कदम तो जादुई बदलाव ला सकते हैं |
चाहे एक नन्हा पौधा लगायें या पानी की बर्बादी को रोके या प्रदुषण कने वाले वाहनों का इस्तेमाल कम करें या बेवजह बिजली और अन्य उर्जा को नष्ट न करें | बहुत से काम ऐसे हैं जो हमारे आसपास हमारे घर में भी होते हैं | मसलन प्लास्टिक की थैली को इधर उधर न फेंक देना ; जैविक कूड़े का सही ढंग से निस्तारण ; ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ना; बेवजह कमरों में बल्ब और पंखे चलते रहना ; बगल की दुकान जाने के लिए भी बाइक का इस्तेमाल करना | इन सब कामों को रोक कर हम अपने स्तर से पृथ्वी की काफी मदद कर सकते हैं | इसमें अन्न को बर्बादी से बचाना भी एक बड़ा काम है |
चलिए पृथ्वी दिवस व धरती से सम्बन्धित कुछ आंकड़ों के विषय में आपको बताती हूँ-

हर साल पूरे विश्व में पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस की स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन के द्वारा 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप में की गयी थी।

22 अप्रैल 1970 को पृथ्वी दिवस के रूप में आधुनिक पर्यावरण आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन में संकल्प लिया गया कि पृथ्वी को नष्ट होने से बचाया जायेगा और कोई ऐसा काम नहीं किया जायेगा जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे। इस आंदोलन का उद्देश्य धरती को प्रदूषण मुक्त रखना है। यह अभियान साल 2000 में ग्लोबल हो गया क्योंकि इस समय लोग इंटरनेट के जरिये पृथ्वी दिवस से जुड़ गये।

पृथ्वी दिवस का मकसद आम इंसान को यह समझाना है कि वो पॉलिथीन और कागज का इस्तेमाल ना करे, पौधे लगाये क्योंकि धरा है तो जीवन है| प्रतिवर्ष एक थीम(विषय)के सहारे इस दिवस की सार्थकता सिद्ध की जाती है| 2016 के विश्व पृथ्वी दिवस की थीम है-'पृथ्वी के लिए पेड़'|

हमारी पृथ्वी सौरमंडल का इकलौता ग्रह है,जहां जीवन जीने की अनुकूल परिस्थितियां विद्यमान हैं| यहां हम खुली हवा में सांस लेते हैं| शुद्ध पेयजल पीते हैं और आराम से जीवन भी गुजारते हैं|

पिछले दो दशकों के दौरान अंटार्कटिक और उत्तरी गोलार्द्ध के ग्लेशियरों में सबसे ज्यादा बर्फ पिघली है| वर्तमान में समुद्र के जलस्तर में 0.9 मीटर की औसत बढ़ोतरी हो रही है,जो अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी है|

ओजोन परत का क्षय अनवरत जारी है| वर्तमान में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है| संसार के कई भागों में सूखे की उत्पन्न स्थिति से भूजल स्तर घटा है और नतीजा यह है कि व्यक्ति को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा|

समस्याएँ अपार है किन्तु अपनी ओर से लिया हुआ सभी का एक कदम अनवरत हमें एक सुरक्षित कल की तरफ अग्रसर कर सकता है | क्यूंकि यदि यही चलता रहा तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए एक भयानक काला कल छोड़ कर जाएंगे | ऐसी दूषित हवा दे कर जाएंगे जिनमे उनका सांस लेना भी मुश्किल होगा | हमें अपने बच्चों को सुरक्षित कल देने के लिए ये छोटे कदम अभी से उठाने ज़रूरी है वरना कल जीवन भी हम फेसबुक पर ही सेलिब्रेट करते नज़र आयेंगे|

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