छायावादी युग की
महान लेखिका महदेवी वर्मा ने अपने लेखों में अपने घर के सभी पालतू जानवरों का
वर्णन किया है | मेरा परिवार और गिल्लू नाम की रचनाओं में उन्होंने हिरन ; गिलहरी
; बिल्ली ; कुत्ते सभी जानवरों की कहानियों का संग्रह किया है | समाज शास्त्री और
वैज्ञानिक भी इस बात को प्रशस्त करते हैं की घर में एक पालतू जानवर होने से
सकारात्मकता बनी रहती है | आपको बता दूं कि मंगोलिया के लोग हाई ब्लडप्रेशर से मुक्ति पाने के लिए
बिल्ली को धीरे-धीरे सहलाते हैं। असल में बिल्ली को सहलाने का अर्थ है बिल्ली का
साहचर्य प्राप्त होना। यह
साहचर्य रोगी को सुकून देता है और सुकून उपचार का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। बिल्ली ही नहीं, सभी पालतू पशु-पक्षी अपने पालने वाले को आनंद की
अनुभूति कराते हैं।
पेट्स से होने वाले फायदे-
अकेलेपन के साथी
:-
आज विकसित और बड़े बड़े देशों में लोग बहुत व्यस्त हो गये हैं | अकेलापन व्यक्ति को निराशा और तनाव से भर देता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग अकेले होते हैं, उनका एकाकीपन दूर कर उन्हें रोगों से बचाने के लिए पालतू पशुओं का साथ एक बहुत ही बढि़या और कारगर उपचार है।
आज विकसित और बड़े बड़े देशों में लोग बहुत व्यस्त हो गये हैं | अकेलापन व्यक्ति को निराशा और तनाव से भर देता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग अकेले होते हैं, उनका एकाकीपन दूर कर उन्हें रोगों से बचाने के लिए पालतू पशुओं का साथ एक बहुत ही बढि़या और कारगर उपचार है।
इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार :-
एक नन्हे जानवर का पालना भी कम रोमांचक नहीं होता जो पालने वाले के तनाव के
स्तर को कम करके उसे इम्युनिटी (रोगावरोधक) और रोग उपचारक
क्षमता प्रदान करने में सक्षम होता है। बुढ़ापे में भी पालतू
जानवरों की मदद से
एकाकीपन दूर किया जा सकता है और साथ ही अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय जीवन व्यतीत करना भी संभव होता है।
जितनी अधिक सक्रियता, उतना ही रोगों और बुढ़ापे की
परेशानी से मुक्ति।
बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं पेट्स
वैज्ञानिक तौर पर
हुए तमाम अध्ययन यह बताते हैं की पेट्स के साथ बड़े होने वाले बच्चे मानसिक उत्कंठा
से दूर रह कर बेहतर दिमागी विकास को प्राप्त करते हैं | बच्चों की बेहतर विकास के
लिए पेट्स का होना आवश्यक सा है | इससे इन्हें अकेलापन महसूस नहीं होता और साथ ही
ये प्रकृति द्वारा निर्मित अन्य जीव जन्तुओं को जानते और समझते हैं|
पेट्स होते हैं इमानदार साथी
इस बात में तो कोई
दोराय नहीं है की पेट्स या घर के पालतू जानवर हर कदम पर एक इमानदार साथी साबित
होते हैं | नेवले की वो कहानी तो हमने बचपन से सुनी है जिसमे नेवला बच्चे को सांप
से बचाने के लिए उससे लड़ जाता है | हाल ही में फ्लोरिडा में एक कुत्ते ने अपने
मालिक के बच्चे को रैटल सांप से बचाने के लिए अपनी जन जोखिम में डाली | सांप ने उस
कुत्ते को तीन बार काटा| ये पहली घटना नहीं है | इतिहास इस तरीके के घटनाओं से भरा
पड़ा है |
क्या कहता है अध्यात्म
कुछ लोग सुबह-सुबह पक्षियों को
दाना
चुगाने जाते हैं। यह कार्य पक्षियों को दाना चुगाने के बहाने उनका साहचर्य प्राप्त
करने का प्रयास है। पक्षी अत्यंत निकट आ जाते हैं और हथेली पर रखे दाने भी उठा लेते
हैं। ये आनंददायक क्षण आरोग्य प्रदान करने वाले होते हैं। कई लोग चींटियों को आटा डालते हैं। मछलियों को भोजन
खिलाते हैं। मंगलवार को बंदरों को फल, चने या चूरमा खिलाने जाते हैं। शनिवार को काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाते हैं। कई घरों में रोज सुबह गाय
और कुत्ते की रोटी सबसे पहले निकाली जाती है। श्राद्ध के दिनों में ही सही, ब्राह्मणों के साथ-साथ कौवों को भी खीर-पूड़ी खिलाई जाती है। यह स्थिति जानवरों के प्रति हमारे प्रेम और
आकर्षण को ही स्पष्ट करती है।
जहाँ प्रेम है, वहीं आनंद है और
आनंद के क्षण सदा उपचारक होते हैं।
फिल्मे भी यही कहती हैं
राजेश खन्ना अभिनीत
फिल्म हाथी मेरे साथी हो या जैकी श्रॉफ अभिनीत तेरी मेहरबानियाँ या हो हम आपके हैं
कौन का टफी; सभी जगह पालतू जानवरों ने अपनी ईमानदारी का परिचय दिया है | वोडाफोन
का विज्ञापन भी एक पग को दिखाते हुए यही कहता है “एव्रीवेयर यू गो अवर नेटवर्क
फौलोज़” मतलब आप जहाँ कहीं भी हो हम आपके साथ हैं |
इसी तर्ज पर आप भी
घर में एक पेट पाल कर देखिये खुशियाँ बिखर जाएंगी हर ओर|
No comments:
Post a Comment