कर्क रोग या कैंसर दुनिया में फैली हुई एक ऐसी
भयवाह बीमारी है जिससे लोग बहुत अधिक डरते हैं | आपको बता दूं की कैंसर के बारे
में कुछ एक आध ऐसी बातें हैं जो हमे जानना बहुत जरुरी है ताकि हम अपनी और किसी और
की भी मदद कर पाएं| आज आपको ऐसी कुछ बातों के बारे में बताना चाहती हूँ-
क्या है कैंसर?
आमतौर पर कैंसर सेल या कैंसर की कोशिकाएं हम सभी
के शरीर में होती हैं | हमारे शरीर में सभी कोशिकाएं निरंतर बनती और खत्म होती
रहती हैं| पर यूँही किसी कोशिका का अचानक तेज़ी से अनियंत्रित तौर पर बढ़ना और एक
ट्यूमर में रूप में बन जाना ही कैंसर है| इसे कार्सिनोमा (carcinoma),नियोप्लास्म (neoplasm)
और मेलेगनंसी (malignancy) भी कहते हैं। लगभग 100 प्रकार के कैंसर
होते हैं, और सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं। एक
अंग में कैंसर होने पर ये दूसरे अंगो में भी फैलने लगता हैं। लेकिन
सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते। ऐसे में जानकारी ही बचाव है|
क्या होते हैं इसके लक्ष्ण?
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असामान्य गाँठ होना (tumour)
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रक्त-स्त्राव (bleeding) होना
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अत्यधिक दर्द होना
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वजन घटना (बिना कारण के)
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भूख कम लगना
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थकान होना
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रात को बहुत पसीना आना
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खून की कमी होना (anaemia)
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खांसी आना
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हड्डियों में दर्द होना
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निगलने में तकलीफ होना
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मुंह और गले के छाले जो ठीक न हो
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यूरिन में तकलीफ होना, ब्लड आना
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गले में खराश रहना
ये हो सकते हैं सम्भावित कारण-
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तम्बाकू या पान मसाला के कारण
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शराब के कारण
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मेहनत न करने के कारण
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हेपटाइटिस B और C के कारण
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अनुवांशिक कारण
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किसी प्रकार के इन्फेक्शन के कारण
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किसी दवा के कारण
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आधुनिक जीवन-शैली के कारण
स्टेज के आधार पर ये होतें है प्रकार-
ग्रेड द्वारा पता किया जाता हैं कि ट्यूमर सेल्स नॉर्मल सेल्स से
कितनी अलग हैं। कैंसर की ग्रेड निम्न प्रकार की होती हैं,
ग्रेड 1- इसमें कैंसर सेल नार्मल सेल के समान दिखती है, और यह
धीरे-धीरे बढ़ता है।
ग्रेड 2- इसमें भी नॉर्मल सेल के समान होता है, परन्तु यह
बहुत तेजी से बढ़ती हैं।
ग्रेड 3…इसमें कैंसर सेल बहुत तेजी से बढती हैं, और एब्नार्मल दिखती हैं।
ग्रेड 3…इसमें कैंसर सेल बहुत तेजी से बढती हैं, और एब्नार्मल दिखती हैं।
महिलायों के खास लक्षण जिन्हें अनदेखा न करें
ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार का बदलाव आना। निप्पल का अन्दर की और
मुड़ना या निपल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना। किसी भी प्रकार की गठान या scar होना। थकान,
ब्लीडिंग, बिना किसी कारण के वजन कम होना।
दर्द होना। लिम्फ-नोड में बदलाव होना।
कुछ जानने योग्य
बाते-
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व्यक्ति के जीवन में शरीर में कम से कम छ: बार
कैंसर की कोशिकाओं के निर्माण होता है |
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जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है तो
कैंसर के सेल अपनेआप खत्म हो जाते हैं|
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कैंसर होते ही शरीर में कई कमियाँ हो जाती हैं
चाहे वो जेनेटिक हो या भोजन सम्बन्धित या पर्यावरण सम्बन्धित हो या फिर जीवन शैली
के कारण | जिससे उभरने के लिए अच्छी डाइट का होना ज़रूरी है|
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निदान के समय की गयी कीमोथेरेपी वास्तव में तेज़ी
से बढने वाले इन सेल्स को ज़हरीले पदार्थ से खत्म करने की प्रक्रिया होती है जो उसी
समय शरीर के स्वस्थ सेल्स को भी नष्ट करती है|
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इस ट्रीटमेंट से लीवर;किडनी; हृदय ;फेफड़े और
अन्य अंगों को नुकसान होने की काफी आशंका होती है|
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चीनी से कैंसर के सेल्स को ताकत मिलती है |
इसलिए आमतौर पे चीनी का कम इस्तेमाल करके हम कैंसर के सेल्स को बढने से रोक सकते
हैं|
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चीनी के बाजारू विकल्प और भी अधिक हानिकारक होते
हैं ऐसे में अधिक ज़रूरत पड़ने पर बहुत ही कम मात्रा में शहद का इस्तेमाल किया जा
सकता है|
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दूध भी हानिकारक साबित हो सकता है| इससे बनने
वाला म्यूकस कैंसर सेल्स का भोजन होता है | इसकी जगह हम सोया मिल्क का प्रयोग कर
सकते हैं|
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मांसाहारी भोजन भी कैंसर सेल्स को तेज़ी से बढने
में मदद करता है क्योंकि इनमे एसिड्स होते हैं जो इन सेल्स को जल्दी ही कई गुना
होने का माहौल बना कर देते हैं|
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हरी सब्जियां; कुछ फल; होल ग्रेन;बीज; नट्स;और
जूस शरीर को ताकत देते हैं | एंजाइमस को बढ़ाने के लिए दिन में २ से ३ बार ताज़ी
सब्जियों का जूस पीने या उन्हें कच्चे तौर पर खाने से लाभ होता है|
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ग्रीन टी एक बेहतरीन विल्कप है|
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शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से कैंसर सेल्स
को बनने का माहौल नहीं मिलता है इलसिए नियमित तौर पर व्यायाम करें ; सुबह ताज़ी हवा
में सैर करें और अपने आप को ह्मेशा सकारात्मक रखें|
इस बीमारी से जीतना बहुत मुश्किल काम नही बस
अपने अंदर की जिजीविषा बनाये रखिये|
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