पोकेमोन को तो जानते ही
होंगे आप सब | अरे भई हमारे बचपन का दोस्त है मतलब थोडा सा बड़े होते समय का दोस्त
| और आजकल तो पूरा माहौल पोकेमोन गो का ही हो रहा है | हर कोई बातें कर रहा है |
कोई अपना पोकेमोन पकड़ना चाहता है जो सड़क पर भाग गया है तो कोई इनपर तमाम तरह की
मीम्स बना रहा है | इन्टरनेट तो बस इसी से लदा पड़ा है| समाज शास्त्री तो यहाँ तक
कह रहे हैं की पोकेमोन गो बहुत जल्दी पोर्न को रिप्लेस कर देगा| मेरा मतलब यहाँ
इन्टरनेट संतुष्टि से था| डिजिटल दुनिया में ये बवंडर ले कर आये हैं ये गेम्स|
आइये आपको कुछ और जानकारी दे दूं-
क्या बला है ये पोकेमोन?
निनेटेंदो; गेम फ्रीक और
क्रिएचर्स नाम की तीन जापानी कंपनियों के सहयोग से बनी “द पोकेमोन कम्पनी” का
मीडिया फ्रैंचाइज़ी है जिसका नाम है पोकेमोन| सातोशी ताजीरी ने इसे १९९५ में बनाया
था| इसमें कुछ फिक्शनल जीव हैं जो पोकेमोन कहलाते हैं और इन्हें ट्रेनिंग देते हैं
इन्सान जिन्हें पोकेमोन ट्रेनर्स कहा जाता है| ये ट्रेनर्स इन्हें पकड़ते हैं और
खेल में इन्हें आपसी जंग के लिए तैयार करते हैं|
कैसे शुरू हुआ ये खेल-
ये फ्रैंचाइज़ी शुरुआत में
गेम बॉय नाम के विडियो गेम के तौर पर शुरू हुई जिसे गेम फ्रीक ने बनाया था और
निनेटेंदो ने पब्लिश किया था | आज की तारीख में इनकी दूकान सबसे जादा विडियो
गेम्स; कार्ड गेम्स; एनीमेशन शोज; फिल्म्स; कॉमिक्स और खिलौनों के लिए जानी जाती
है | निनेटेंदो के ही मारिओ के बाद पोकेमोन दुनिया भर के सबसे चाहिते गेम्स में से
एक है |
नाम का मतलब जानते है आप-
जापानी ब्रांड पॉकेट
मोंस्टर का रोमन कांट्रेकशन है पोकेमोन| पोकेमोन कम्पनी का नाम भी इसी तरह पड़ा
जिससे आगे चल कर ये पोकेमोन गेम्स बन गये| पोकेमोन एक्स और वाई जो इस ग्रुप की छठी
जनरेशन है उसमे पूरे ७२२ फंतासी जीव हैं| ये एक और अनेक दोनों एक ही जैसे होते हैं
उदाहरण के लिए एक पोकेमोन और कई पोकेमोन दोनों ही ग्रामर के लहजे से ठीक है |उसी
तरह एक पिकाचू और कई पिकाचू भी ठीक है | ये एक पूरी प्रजाति का नाम होता है|
दिमाग में कैसे जन्मी यह
खुराफात-
१९८९ से १९९० के दौरान जब
गेम बॉय रिलीज़ हुआ तभी ताजीरी ने पोकेमोन के बारे में सोच लिया था | सातोशी ताजीरी
जब छोटा था तो यह कीड़े पकड़ता था ;ये उसकी हॉबी थी| इसी हॉबी से उसके दिमाग में एक
ऐसा गेम और ऐसा फंतासी साहित्य बनाने की सूझी| इसमें खेलने वाले को ट्रेनर कहा
जाता है | इनके दो मुख्य उद्देश्य होते हैं एक तो सभी पोकेमोन को इकट्ठा करके
पोकेडेक्स को पूरा करना और दूसरा अपने पोकेमोन को ट्रेन करना ताकि वो सामने वाले
से लड़ सकें और अंत में पोकेमोन लीग जीत सकें|
किसी एक पोकेमोन को ढूंढने
के बाद ट्रेनर उसे पोकेबॉल की मदद से पकड़ सकता है और इसके बाद वो ट्रेनर उस
पोकेमोन का मास्टर बन जाता है |और फिर इसी तरह से आगे बढती है पूरी कहानी|
टाइम लाइन जान लीजिए-
·
३० सितम्बर १९९८ को यह गेम
यूनाइटेड स्टेट्स में लांच हुआ | इसकी पहली जनरेशन में १५१ पोकेमोन थे|
·
पोकेमोन गोल्ड और सिल्वर के
साथ १९९९ में इनकी दूसरी जनरेशन आई| इसमें १०० पोकेमोन और जुड़ गये और ये बन गयी
२१५ पोकेमोन की सीरीज|
·
पोकेमोन रूबी और सफायर के
साथ २००२ में तीसरी जनरेशन आई जिसमे १३५ नये पोकेमोन थे|
·
२००६ में आये पोकेमोन
डायमंड और पर्ल और आई साथ ही चौथी जनरेशन १०७ नये पोकेमोन के साथ|
·
पोकेमोन ब्लैक और वाइट के
साथ १८ सितम्बर २०१० को आई पांचवी जनरेशन और अपने साथ लायी १५६ और नये पोकेमोन|
·
८ जनवरी २०१३ में बनी
जनरेशन छह जिसमे थे पोकेमोन एक्स और वाई|
·
२६ फरवरी २१०६ में
निनेटेंदो ने सांतवी जनरेशन पोकेमोन सन और मून की घोषणा की |
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