Saturday, 6 August 2016

स्तन कैंसर: इलाज ने लौटाई महिलाओं के चहरे पर ख़ुशी




कैंसर अपनेआप में एक भयावह बीमारी है और जब बात स्तन कैंसर की हो तो ये मरीज को बीमार करने के साथ ही उसका आत्मविश्वास भी चूर कर देता है| स्तन कैंसर एक तेजी से बढ़ती हुई और गंभीर समस्या है, स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में शिकार बना रहा है। भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र लगभग 47 साल है, जो कि पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल कम है।  हांलाकि सही जानकारी, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस समस्या को हराया जा सकता है।
क्या है इसके लक्षण
ब्रेस्ट में दर्द या गांठ ज़रा-सा भी महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी ये भी होता है गांठ में दर्द न हो, लेकिन छूने पर ये महसूस होता है। स्तनों में पड़ने वाली गांठ को मेमोग्राफी के ज़रिए पता किया जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते। 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए।
ज़रूरी है डॉक्टरी परामर्श
ब्रेस्ट में दर्द या गांठ ज़रा-सा भी महसूस हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कभी-कभी ये भी होता है गांठ में दर्द न हो, लेकिन छूने पर ये महसूस होता है। स्तनों में पड़ने वाली गांठ को मेमोग्राफी के ज़रिए पता किया जा सकता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का भी पता लगाया जा सकता है और मेमोग्राफी कराने में ज्य़ादा पैसे भी नहीं लगते। 30 से 35 साल की महिला को एक बार मेमोग्राफी ज़रूर करानी चाहिए। ब्रेस्ट में गांठ और समय के साथ इसका आकार बढ़नाब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बढ़ना, बगल में सूजन आना, निप्पल का लाल पड़ना या उनसे खून आना, यदि आपके स्तन में कोई उभार या असामान्य मोटाई लगे तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
रोकथाम सम्भव है-
एक नए "ऐतिहासिक अध्ययन" में कहा गया है कि जिन महिलाओं को स्तन कैंसर की आशंका अधिक होती है उनमें एक दवा इस आशंका आधे से कम कर सकती है |लांसेट में छपे इस अध्ययन में 4,000 महिलाएं शामिल हुईं | इसमें पाया गया कि एनस्ट्रोज़ोल नाम की दवा स्तन कैंसर की मौजूदा दवाओं से ज्यादा कारगर, सस्ती और कम साइड इफेक्ट वाली है | एनस्ट्रोज़ोल स्तन कैंसर को बढ़ावा देने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन को बनने से रोकती है |इस दवा का पता लगने के बाद अब डॉक्टर और स्तन कैंसर के लिए अभियान चलाने वाले कार्यकर्ता स्वस्थ महिलाओं को यह दवा देने की वकालत कर रहे हैं | कुछ देशों में स्तन कैंसर से बचाने के लिए पहले से ही टेमोक्सिफ़ेन और रेलोक्सिफ़ेन दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है |
कुछ ऐसे खाद्द पदार्थ हैं जिसके सेवन से स्तन कैंसर होने की संभावना को कुछ हद तक कम किया जा सकता है:
काली चाय: काली चाय में एपि गैलो कैटेचिन गैलेट नाम का रसायन होता है जो स्तन कैंसर से शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। यह स्तन में ट्यूमर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। लेकिन अधिक गरम काली चाय इसकी सम्भावना बढ़ा देती है|
खट्टे फल: खट्टे फलों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं। खट्टे फलों में सेब, अंगूर,पीच, नाशपाती, केला आदि का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।
ग्रीन टी: ग्रीन टी में एन्टी-इन्फ्लैमटॉरी गुण होता है जो स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
दूध और दही: दूध और दही में विटामिन डी होता  है जो स्तन कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
गेहूँ की घास (wheat grass): गेहूँ की घास स्तन कैंसर के रोगी के लिए सबसे अच्छा खाद्द पदार्थ होता है जो कैंसर के कोशिकाओं के वृद्धि को रोकने में मदद करता है।
लहसुन: लहसुन प्रतिरोधक तंत्र को उन्नत करके स्तन कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
स्तन कैंसर को रोकने के उपाय:
ध्रूमपान का सेवन न करें
शारीरिक रूप से ज़्यादा सक्रिय हो, व्यायाम आदि नियमित रूप से करें
कम मात्रा में रेड मीट का सेवन करें
नमक का सेवन कम करें
सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pill) का लगातार सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें
इन बातों का ध्यान रखें और  स्तन कैंसर के खतरे को कम करें।





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